हरिद्वार। भेल सेक्टर-2 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में विश्व ओजोन दिवस एवं विश्वकर्मा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रवीण कुमार ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। विद्यालय के आचार्य दिग्मांशु बडोनी ने छात्र छात्राओं को विश्व ओजोन दिवस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विश्व ओजोन दिवस मनाने का उद्देश्य ओजोन परत के बारे में लोगों को जागरूक करने और इसे बचाने के समाधान की ओर ध्यान आकर्षित करना है। उन्होंने बताया कि ओजोन परत ऑक्सीजन के 3 परमाणु से मिलकर बनी एक प्रकार की गैस है। ओजोन परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को धरती पर आने से रोकती हैं। पराबैंगनी किरणों से धरती पर रहने वाले मनुष्य, जीव जंतुओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। यह विकिरण त्वचा का कैंसर, मोतियाबिंद आदि बीमारियों के तथा जलीय जीवों को भी हानि पहुंचा सकती हैं। आचार्य संजय गुप्ता ने विश्वकर्मा दिवस की जानकारी देते हुए कहा कि भगवान विश्वकर्मा दिव्य वास्तुकार थे। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की राजधानी द्वारका पांडवों की माया सभा और देवताओं के लिए कई शानदार हथियारों का निर्माण किया। आचार्या सोनिया नं कहा कि धर्म शास्त्रों के अनुसार विश्वकर्मा ब्रह्माजी के पुत्र धर्म की सातवीं संतान वास्तु के पुत्र थे। महान शिल्पकार विश्वकर्मा ने देवताओं का स्वर्ग, रावण की सोने की लंका सहित कई दिव्य निर्माण किए। विश्वकर्मा को औजारों का देवता भी कहा जाता है। महर्षि दधीचि द्वारा दी गई उनकी हड्डियों से विश्वकर्मा ने ही वज्र का निर्माण किया था। कार्यक्रम में अमित कुमार, मनीष खाली, अनूप गुप्ता ,दीपक कुमार, काजल, सिमरन, हेमा जोशी, लीना शर्मा आदि उपस्थित रहे।