हरिद्वार। श्री गुरु सेवक निवास उछाली आश्रम में जारी श्रीमद् भागवत सप्ताह यज्ञ के तीसरे दिन कथाव्यास आचार्य रवि शंकर जी महाराज नैमिषारण्य ने श्रीमद भागवत कथा की शुरुआत मंत्र पूजन के साथ की। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है इसीलिए मनुष्य को भागवत कथा का रसपान पूरे जीवन भर करना चाहिए। उन्होंने कथा के माध्यम से बताया कि किन किन लोगों को भागवत कथा सुनना चाहिए और क्यों सुनना चाहिए। उन्होंने बताया कि संसार में जिस किसी भी मनुष्य द्वारा जाने अंजाने में कोई ना कोई पाप जरूर हो जाता है, जो व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का हो, छल कपट वाला व्यक्ति हो, क्षुठ बोलता हो ऐसे लोगो को भागवत कथा सुनने से उसको पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर होने वाले भागवत का महात्म्य और भी अधिक बढ़ जाता है। कथा व्यास जी ने बताया कि भागवत कथा में महात्मा और दुरुत्मा का वर्णन बताया गया है। उन्होंने कहा कि सेवा भाव तीन तरह के होते हैं एक सेवक होता है जो मालिक के खाने के बाद काम करता है दूसरा वह होता है जो खाने के बाद भी पीछे भागता है और एक वह होता है जो मालिक है या ना कहे वह पूरे मनोयोग से काम करता है इसी तरह संसार में भी वक्त वह होता है जो भगवान को बिना जरुरत के भी याद करें तो भगवान भी उसे याद करते हैं। इस अवसर पर उछाली आश्रम के परमाध्यक्ष महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि श्री भागवत कथा का श्रवण कर उसको अपने जीवन में उतारना काफी कठिन है लेकिन इस कलयुग में भवसागर से पार उतारने का साधन भी है। सनातन धर्म और संस्कृति में हमारे वेदों का विशेष स्थान हैं, जो प्राणियों के कल्याण की बात करता है। उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में जीवन यापन करने वाले सभी मनुष्यों को भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथा में मुख्य रूप से यजमान नोएडा से पहुंचे श्रीमती सीमा एवं रामकिशन सेठ श्रीमती प्रीति एवं विवेक गोस्वामी, श्रीमती दमन रानी, नागपाल राघव राधे कृष्णा नागपाल, लेना नागपाल, आर्यन नागपाल, मुंबई, फरीदाबाद से श्रीमती राधा मनोचा, रोहित मनोचा, श्रीमती शिखा योगेश ,केदारनाथ नागपाल, श्रीमती मधु सुरेश अनेजा, श्रीमती नेहा अंशुल अनेजा, श्रीमती फाल्गुनी आकाश अनेजा, श्रीमती ममता नागपाल,श्रीमती ज्योति हरीश नागपाल, कुणाल एकता वैभव नागपाल सहित बड़ी संख्या में आसपास के श्रद्धालुगण भी पहुंचे।